Tuesday, September 6, 2022

ख्वाहिशों


ख्वाहिशों का मोहल्ला बहुत बड़ा होता है.

बेहतर है हम जरूरतों की गली में मुड जाए..! 



Saturday, September 3, 2022

Sharif. In

दस्तक और आवाज तो कानों के लिए है

जो रुह को सुनाई दे उसे खामोशी कहते हैं...!